जीजा-साली गंगा किनारे बैठे थे। माहौल रोमांटिक था।
सूरज डूबने को था। मंद-मंद हवा चल रही थी।
साली बहुत देर से बोल रही थी और जीजा मुस्कराता हुए उसकी बात सुन रहे थे।
साली ने पूछा- क्या आपको मेरी बातें सुनना इतना अच्छा लगता है कि तुम कुछ बोलते ही नहीं?
जीजा ने सिर हिलाया और एक उंगली से रेत पर लिखा- नहीं रे, पान मसाला खाए हैं।
रवि शर्मा, शादीपुर