शादी से याद आ जाती है पति-पत्नी की, जिनके बीच नोकझोंक बेवजह होती ही रहती है। बस मौका हाथ लगे तो जैसे एक दूसरे को कूटने की खातिर तैयार बैठे रहते हैं। मगर कभी-कभी अगर एक दूसरे को सुधारने की कोसिस करते भी हैं तो कुछ ऐसा हो जाता है
शादी से याद आ जाती है पति-पत्नी की, जिनके बीच नोकझोंक बेवजह होती ही रहती है। बस मौका हाथ लगे तो जैसे एक दूसरे को कूटने की खातिर तैयार बैठे रहते हैं। मगर कभी-कभी अगर एक दूसरे को सुधारने की कोसिस करते भी हैं तो कुछ ऐसा हो जाता है