ठंड की दोपहर थी।धूप सेंक रहे पति-पत्नी हो रहे थे बोर, सोचा कुछ खेल ही खेल लिया जाए। तो भई शुरू हुआ इस शर्त पर गेम कि जैसे -जैसे बाल उखड़ेंगे..वैसे-वैसे आजादी की लड़ाई लड़ने वालों का नाम बोलना पड़ेगा
ठंड की दोपहर थी।धूप सेंक रहे पति-पत्नी हो रहे थे बोर, सोचा कुछ खेल ही खेल लिया जाए। तो भई शुरू हुआ इस शर्त पर गेम कि जैसे -जैसे बाल उखड़ेंगे..वैसे-वैसे आजादी की लड़ाई लड़ने वालों का नाम बोलना पड़ेगा